अंतरिक्ष में कैसी होती है एस्ट्रोनोट्स की जिंदगी | Life of an Astronauts in Space
आज की इस video
में आप जानेगे की कैसी होती है स्पेस में एस्ट्रोनोट्स की जिंदगी स्पेस यानी की
अंतरिक्ष की दुनिया रहस्यों से भरी हुई है और इन रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए
हमारे साइंटिस्ट एस्ट्रोनोट्स को अंतरिक्ष में भेजते है और ये सिलसिला एस्ट्रोनोट्स उरी गागरिन के साल 1961 में स्पेस में
जाने से हुआ अंतरिक्ष में कैसी होती है एस्ट्रोनोट्स की जिंदगी | Life of an Astronauts in Space
Life of an Astronauts in Space |
दोस्तों स्पेस
हमारी पृथ्वी जैसा बिलकुल भी नहीं है और इसीलिए इसमें कोई शक नही की स्पेस में गये
एस्ट्रोनोट्स की
लाइफ काफी चलेंगिंग भरी होती है वहा न तो कोई वातावरण है और न ही साँस लेने के लिए
ओक्सीजन ग्रेविटी भी बिलकुल जीरो है और ठण्ड इतनी की सहन न हो पाए एस्ट्रोनोट्स
अपने स्पेशल सूट में ही अंतरिक्ष में जाते है
लेकिन क्या इस
सूट मात्र से ही इनकी मुश्किलें कम हो जाती है वो क्या क्या चैलेन्ज है जो इन एस्ट्रोनोट्स
को स्पेस में सामना करना होता है और कैसी होती है स्पेस स्टेशन में इनकी जिंदगी
ऐसे ही सभी
सवालों के जवाब लेकर हम तैयार है रोचक तथ्य हिंदी के इस रोचक video में
दोस्तों स्पेस
में जाना धरती में किसी जगह में जाने जैसा बिलकुल नही है ये एक बिलकुल अलग ही
अनुभव होता है इस दौरान एस्ट्रोनोट्स कई फिजिकल और मेंटल बदलावों से गुजरते है
जिसकी ट्रेनिंग वो कई सालो तक करते है पृथ्वी से जाने वाले एस्ट्रोनोट्स का ठिकाना
होता है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन
इंटरनेशनल स्पेस
स्टेशन पृथ्वी के 400
किलोमीटर दूर से परिकर्मा करने वाली एक एडवांस लियाब्रोटी है जिसे कुल 16 देशो ने
मिलकर 120 बिलियन की लागत से बनाया है पृथ्वी से जाने वाला कोई भी विमान iss से
जाकर मिल सकता
एस्ट्रोनोट्स या
तो अपने शिप पर या फिर स्पेस स्टेशन में ही रहकर स्पेस का अध्यन करते है
एस्ट्रोनोट्स का काम
दोस्तों ISS मे
रहने वाले एस्ट्रोनोट्स का
ये 5 काम डेली रूटीन का हिस्सा होते है
1. स्पेस का अध्यन और एक्सपेरिमेंट
परफॉर्म करना
2. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की मेंटेनेंस
और मरम्मत
3. रोजाना एक्सरसाइज़
जो स्पेस में बहुत जरुरी है
4. ISS के बाहर
स्पेस वाक परफॉर्म करना
5. आराम क्युकी ये भी जरुरी है
अब इन ड्यूटीस
के आलावा एस्ट्रोनोट्स
खाते पिटे है सोते है पढ़ते है टॉयलेट जाते है जिन सब सारी चीजे करने में भी एस्ट्रोनोट्स
को भरी मशक्कत करनी पड़ती है
सबसे बड़ी चैलेज स्पेस
में अगर कोई चीज पेश करती है तो वो है ग्रेविटी धरती में ग्रेविटी की वजह से हमारे
पैर जमीन में रहते है लेकिन स्पेस में ऐसा नही होता वहा पर आपकी बॉडी वेट लेस हो
जाती है और तैरने लगती है
जिसकी वजह से
रूटीन का जैसे नहाना और ब्रश करना बहुत मूश्किल होता है स्पेस में गए एस्ट्रोनोट्स
को हड्डियों और मशल लोस की भी बहुत शिकायत रहती है इससे बचने के लिए इन्हे रोज कम
से कम 2 घंटे एक्सरसाइज़ करनी होती है
पृथ्वी में हम
सभी के लिए 1 दिन 24 घंटे का होता है और एस्ट्रोनोट्स भी पृथ्वी की तरह ही 24 घंटे
वाला रूटीन फॉलो करते है लेकिन स्पेस स्टेशन के तेजी से घुमने के वजह से ये 24
घंटे में 16 बार सूर्य को देखते है स्पेस में जाने वाले एस्ट्रोनोट्स हमेशा ओमेगा
कम्पनी की घडी का इस्तेमाल करते है एस्ट्रोनोट्स को ये घडी पृथ्वी के समय के हिसाब
से सुबह उठने में मदद करती है
सुबह उठने के
बाद ये एस्ट्रोनोट्स पृथ्वी जैसी ही रूटीन फोल्लो करते है लेकिन इनका काम करने का
तरीका पृथ्वी से बिलकुल अलग होता है
शुरुआत करते है टूथब्रश से
एस्ट्रोनोट्स के
पास एक क्रुमिंग किट होती है जिसमे टूथब्रश और टूथपेस्ट जैसी सभी जरुरी चीजे होती
है ब्रश करने के लिए सबसे पहले पेस्ट को ब्रश पर लगाना होता है क्युकी वहा सारी
चीजे तैरती रहती है टूथपेस्ट उनके मुह से बाहर न निकले इसके लिए उन्हें अपने मुह
को ज्यादा से ज्यादा बंद रख के ही ब्रश करना होता है एस्ट्रोनोट्स जो टूथपेस्ट करते
है उसे निगला भी जा सकता है फिर ब्रश करने के बाद अपने मुह को साफ़ करने के लिए वो
वाटर किट और वेट वाईव्स का इस्तेमाल करते है
अब बात करते है टॉयलेट की
बिना ग्रेविटी
वाली जगह में टॉयलेट का इस्तेमाल भी अलग तरीके से होता है साधारण भाषा में कहे तो
यूरिन के लिए बाथरुम में एक पाइप लगी होती है और 2 नंबर के लिए बाथरूम में एक बहुत
ही छोटी सी सीट होती है इस सीट में एस्ट्रोनोट्स अपने आपको सही से फिट करके इसका इस्तेमाल करते है सफाई
के लिए टोबेल या नैपकिन का इस्तेमाल करते है एस्ट्रोनोट्स के ह्यूमन वेस्ट को स्पेस
में नही फेका जाता बल्कि पैक कर वापस धरती में लाया जाता है और उसे जला दिया जाता
है
अब बात करते है नहाने की
एस्ट्रोनोट्स
नहाने के लिए शावर के निचे एक बड़े से बैग में खड़े होकर नहाते है वे पहले शम्पू को
अच्छी तरह बॉडी में लगते है इसके बाद वे कपडे से शम्पू को पोछते है ताकि वो इधर
उधर बिखरे नही
पहले एस्ट्रोनोट्स
अपने यूरिन को स्पेस में फेक देते थे लेकिन अब एस्ट्रोनोट्स यूरिन को फ़िल्टर करके
फिर से स्टेशन के ड्रिंकिंग वाटर के सप्लाई में डाल दिया जाता है
अब बात करते है खाने की
सुबह फ्रेश होने
के बाद एस्ट्रोनोट्स ब्रेकफास्ट करते है नाश्ते में यहा भी घर की तरह ही किचन
ब्रेड होता है यहा खाने की सारी चीजे डीहाइड्रेटेड फॉर्म में होती है ताकि वो
लम्बे समय तक ख़राब न हो सके आमतौर पर खाने में अंडे मीट ब्रेड और सब्जिया होती है
ये स्पेशल फ़ूड
आइटम जापान रूस और अमेरिका में ही तैयार किये जाते है खाने के बर्तन भी खास तरह के
होते है ताकि जीरो ग्रेविटी में कांटे वाले चम्मच किसी को नुकसान न पंहुचा दे
इसके बाद एस्ट्रोनोट्स
अपने कंप्यूटर और एकिप्मेंट को चेक करते है लेनोवो का लैपटॉप एकलौता ऐसा लैपटॉप है
जिसे स्पेस स्टेशन में इस्तेमाल करने की इजाजत है इसके बाद धरती से समपर्क करके
मिशन के बारे में चर्चा या आगे की प्लानिंग की जाती है
अब बात करते है स्पेस वाल्क की
अमेरिका चीन और
रूस ने इतिहास में कई एंटी सैटेलाइट मिसाइल छोड़कर कई सैटेलाइट को तबाह किया है
जिसका मलबा अब भी आकाश में घूम रहा है कई बार मलबे के इन टुकडो से iSS को नुकसान
भी पहुचता है ऐसी परिस्थित में स्पेस शूट पहन कर एस्ट्रोनोट्स स्पेस स्टेशन से
बाहर निकलकर इस लैब की मरम्मत करते है जब एस्ट्रोनोट्स अपने शिप से निकलकर उपर स्पेस
में जाते है तो उसे स्पेस वाल्क कहा जाता है
अब बात करते है सोने की
एस्ट्रोनोट्स
सोने के लिए एक पॉट्स का इस्तेमाल करते है ये पॉट्स कैप्सूल जैसे होते है जिसमे एस्ट्रोनोट्स
स्लीपिंग बैग के अंदर आराम से सो सकते है एस्ट्रोनोट्स इन्ही पॉट्स में अपनी वक्तिगत
चीजे लैपटॉप व किताबे रखते है एस्ट्रोनोट्स खुद को शिप के एक किनारे में बाधकर
सोते है ये इसलिये होता है ताकि वो एक जगह स्थिर रहे
तो ये थी एस्ट्रोनोट्स के बारे में सारी जानकारी और आपको कैसी लगी आज
की जानकारी हमें कम्मेंट में जरुर बताये