मंगल ग्रह पर जीवन कैसे होगा ।। Life of Mars in Hindi

मंगल ग्रह पर जीवन कैसे होगा

आपने समय समय पर लोगों से कहते हुए या किसी विडिओ मे आपने चर्चा सुनी ही होगी की आखिर हम इंसान मंगल पर कैसे रहेगे और आने वाले समय मे इंसान मगल ग्रह मे अपने घर बनाकर आराम से रह पाएगा लेकिन आप तो जानते है की जैसा दिखता है वैसा होता नहीं है असल मे मंगल ग्रह मे रहना इतना आसान नहीं मंगल को इंसानों के रहने लायक बनाने मे इसमे अभी भी बहुत से काम होने बाकी है मंगल ग्रह पर जीवन कैसे होगा ।। Life of Mars in Hindi 


मंगल ग्रह पर जीवन कैसे होगा

मंगल ग्रह पर जीवन कैसे होगा ।। Life of Mars in Hindi 



चलिए मान के चलिए की हमारे विज्ञानिकों ने हमारे सोधकर्ता ने अगर मंगल ग्रह को इंसानों के रहने लायक बना भी लिया तो कल्पना कीजिए की इंसानों का जीवन वहा पर कैसा होगा क्या हम जिस तरीके से पृथ्वी पर आजादी से घूम फिर पाते है लोगों से मिल सकते है क्या वहा भी इंसान इसी तरह से रह सकते है ये एक बडा सवाल है दोस्तों और इसी सवाल के जवाब को जानने के लिए बने रहिए इस लेख (मंगल ग्रह पर जीवन कैसे होगा ।। Life of Mars in Hindi) के अंत तक


मंगल ग्रह ही क्यू खास है 

देखा जाए तो हमारे ब्रम्हांड मे हमारे यूनिवर्स मे बहुत सारे ग्रह है तो विज्ञानिकों ने आखिर मंगल ग्रह को ही क्यू चुना वो इसलिए की मंगल ग्रह ही एक ऐसा ग्रह है जहा का वातावरण जहा का एटमॉसफीयर पृथ्वी से काफी ज्यादा मिलता जुलता है वही अगर बात करे हमारे ब्रम्हांड के दूसरे ग्रहों की तो वो बहुत ज्यादा छोटे है या बहुत ज्यादा बड़े लेकिन इससे कोई फरक नहीं पड़ता 

लेकिन हमारे ब्रम्हांड मे जो अन्य ग्रह है उन्मे ज्यादातर ग्रहों मे बहुत ही हानिकारक गैसे है जो इंसानो के लिए बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं है वही कुछ ऐसे भी ग्रह है जहा का वातावरण इंसानों के लिए बिल्कुल परफेक्ट है लेकिन वो ग्रह सूर्य से काफी ज्यादा पास मे है काफी दूर, या ठंडे या बहुत गरम इसी वजह से मंगल ग्रह एक ऐसा ग्रह है जिसे इंसानों के रहने लायक बनाया जा सकता है

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क्या आवश्यकता है पृथ्वी को छोड़ने की 

लेकिन आपके मन मे भी ये सवाल बहुत बार आया होगा की आखिर हमे अपनी पृथ्वी को छोड़कर दूसरे ग्रह मे जाने की आवश्यकता क्या है  तो आपको बता दे इसमे काई बड़े बड़े विज्ञानिकों ने यहा तक की स्पेस एक्स के मालिक एलोन मस्क का भी कहना है की जिस तरह से कुछ करोड़ साल पहले मेटियोराइट की हमले के वजह से पृथ्वी से डायणशोर का अंत हुआ था 

ठीक उसी तरह हमारे पृथ्वी पर एस्ट्रॉइड का खतरा हमेशा मंडराता रहता है और हो सकता है कभी ऐसी स्थिति पैदा हो जाए की ऐसे ही किसी एस्ट्रॉइड के पृथ्वी पर गिरने से इंसानों का नामोनिशान मिट जाए तो ऐसे मे अगर इंसानों का अस्तित्व किसी दूसरे ग्रहों मे होगा तो पृथ्वी मे फिर से इंसानी जीवन को स्थापित किया जा सकता है तो आप समझ ही गए होंगे की आखिर विज्ञानिकों ने मंगल ग्रह को क्यू चुना


मंगल ग्रह का माहोल कैसा है

चलिए अब ये जानते है की मंगल ग्रह का माहोल कैसा है और इंसानों के रहने लायक इसे कैसे बनाया जा सकता है अगर मंगल ग्रह के वातावरण की बात करे तो यहा पर बड़ी मात्रा मे कार्बेन डाई ऑक्साइड गैस मौजूद है इसके अलावा यहा पर ऑक्सीजन भी मौजूद है

लेकिन ये बहुत ही काम मात्रा मे है और इन दोनों गैसों के अलावा यहा पर नाइट्रोजन गैस भी मौजूद है और सबसे बड़ी बात यहा पर पानी भी मौजूद है लेकिन ये पानी लीकविड फार्म के बजाय बर्फ के रूप मे मौजद है इसी के साथ साथ यहा पर गुरुत्वाकर्षण भी मौजूद है

लेकिन पृथ्वी के मुकाबले यहा का गरुत्वार्ण एक तिहाई है और अगर यहा पर दिन और रात की बात की जाए तो पृथ्वी और मगल ग्रह सूर्य की परिक्रमा दोनों लगभग एक ही समय मे पूरी करते है बस इनमे 40 मिनट का फर्क रहता है इसी कारण से विज्ञानिकों ने मंगल ग्रह को इंसानो के लिए बेहद उपयुक्त जीवन के लिए सही ग्रह माना है


मंगल ग्रह की टेराफ़ोरमिंग 

लेकिन ऐसा नहीं है की हम सभी मंगल ग्रह मे जाकर बड़े आराम से रहने लगेगे बल्कि इसमे बहुत सारी चुनौती है यहा का वातावरण इंसानों के लिए उपयुक्त नहीं है और मंगल ग्रह के वातावरण को इंसानों के लिए परफेक्ट बनाने के लिए इसे टेरफ़ॉर्म करने की जरूरत है लेकिन इस पूरे ग्रह को चेंज करने की जरूरत है टेरफ़ॉर्म का मतलब होता है एक ग्रह के पूरे वातावरण को चेंज कर देना वहा के एटमॉसफेयर को बिल्ड करना और उसे इंसानों के हिसाब से हितकारी बनाना


इंसानों को मंगल ग्रह पर कैसे रखा जाएगा

तो आइए जानते है की इंसानों को मंगल ग्रह पर कैसे रखा जाएगा तो एलोन मस्क का कहना है की शुरुवात मे इंसानों को कांच के बने कॉलोनियों मे रहना होगा इसके अंदर का तापमान और वातावरण इंसानों के रहने के लिए मेन्टेन करना पड़ेगा और जब धीरे धीरे जब मंगल ग्रह को पूरी तरह से टेरफ़ॉर्म कर दिया जाएगा तब यहा पर इंसानों को कांच की बनी कॉलोनियों मे रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी 


आखिर ये होगा कैसे

लेकिन सोचने वाली बात ये है की आखिर ये होगा कैसे सबसे पहले तो ये जान लीजिए की मंगल ग्रह का तापमान काफी ठंडा है और इसे गर्म करने के लिए कई तरह की थ्योरी भी सामने या रही है एलोन मस्क ने तो ये तक कह दिया की वो मंगल ग्रह पर परमाणु बम का भी इस्तेमाल करगे हलाकी इस तरह के बयान से उन्हे की तरह की कोन्टरोवर्सी भी झेलनी पड़ी 

लेकिन दोस्तों विज्ञानिकों के अनुसार मंगल ग्रह को टेक्नॉलजी से गरम किया जा सकता है हलाकी मंगल को गरम करने से पहले मगल ग्रह के चुंबकीय शक्ति को बढ़ाने की जरूरत है ताकि मंगल पर मौजूद ग्रीन हाउस गैसेस स्पेस मे गायब न हो जाए और इसके लिए कई तरह की थ्योरी सामने आई है

और कुछ विज्ञानिकों का कहना है की मंगल ग्रह पर ग्रैविटेशनल फोर्स को बढ़ाने के लिए यहा पर रेफ्रीजेनरेटेड लेटीटूशनल सुपर कन्दुकतिवे विंग्स स्थापित करनी होगी इससे एलेक्ट्रिकसिटी का बहाव होगा और स्ट्रॉंग मैगनेटिक फॉर्म बनाएगी जिसकी मदद से मगल ग्रह मे स्ट्रॉंग ग्रैविटेशनल फोर्स को बढ़ाया जा सकता है

लेकिन विज्ञानिकों के अनुसार ये थ्योरी काफी ज्यादा महंगी है और इसे सस्ती बनाने के लिए विज्ञानिकों का कहना है की इसकी मदद से हम बिजली भी पैदा कर सकते है और अगर ऐसा हुआ तो जो ग्रैविटेशनल फोर्स बनाने का जो खर्च है वो काफी ज्यादा काम हो जाएगा और इसके साथ साथ मंगल ग्रह मे बिजली की आपूर्ति भी पूरा किया जा सकता है साथ ही साथ सोलर पैनल की मदद से और भी एलेक्ट्रिसिटी बनाई जा सकती है

दूसरी थ्योरी ये कहती है की मंगल और सूर्य के बीच की दूरी मे एक ऐसा डायापोल स्ट्रक्चर बनाया जाए इस डायपोल स्ट्रक्चर की मदद से मंगल ग्रह को सूर्य की खतरनाक सोलर किरणों से बचाया जा सकता है साथ ही साथ मंगल ग्रह मे सूर्य की गर्मी को भी पहुचाय जा सकता है क्युकी मंगल ग्रह मे सूर्य की रोशनी ठीक तरीके से नहीं पहुचती जिसकी वजह से मंगल ग्रह मे ठंडी काफी मात्रा मे होती है। 

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लेकिन अगर इन दोनों के बीच मे डायपॉल्स स्थापित कर दिया जाए तो मंगल ग्रह मे तापमान को बढ़ाया जा सकता है और अगर मंगल ग्रह का तापमान बढ़ गया तो मंगल ग्रह मे जितना भी पानी बर्फ के रूप मे मौजूद है वो पिघलना शुरू हो जाएगा और इसके साथ साथ कार्बन दाई गैस भी काफी मात्र मे बनने लगेगी और कार्बन डाई आक्साइड गैस ग्रीन हाउस के लिए बहुत जरूरी है और जैसे जैसे मंगल ग्रह की बर्फ पिघलकर तरल पदार्थ मे तब्दील होगी। 

वैसे वैसे मंगल ग्रह का वातावरण इंसानों के उपयुक्त बंता जाएगा धीरे धीरे इस ग्रह मे भी पेढ पौधे लगाए जा सकेगे और इसे पृथ्वी की तरह ही ट्रांसफॉर्म किया जा सकेगा मंगल ग्रह के तापमान को गरम करने के लिए एक थ्योरी ये कहती है। 

:- मंगल ग्रह पर जीवन कैसे होगा

इस ग्रह मे पतले शीशे लगाए जाए जिसके वजह से सूर्य की रोशनी शीशे पर पड़ेगी और रेफलेक्ट होने की जगह सूर्य की रोशनी को ऑबसोरव कर लेगे और मंगल ग्रह को पर्याप्त मात्रा मे गर्मी प्रदान होगी देखा जाए तो इन तरीकों से धीरे धीरे मंगल ग्रह को टेरफ़ॉर्म करके इंसानों के रहने लायक बनाया जा सकता है। 

लेकिन शुरुआत मे इंसान को कांच के बने छोटे छोटे चेम्बर या बायो डोमस मे रहना पड़ेगा एक ऐसे चेम्बर होंगे जिसके अंदर का वातावरण इंसानों के लिए सही होगा और इन डोमस को इंसानों के उपयुकत बनाने के लिए पृथ्वी से भारी मात्रा मे ऑक्सीजन और कई तरह के ऐसे उपकरण लाए जायेगे जिससे यहा पर ज्यादा से ज्यादा मात्र मे ऑक्सीजन बनाई जा सके तो अब आप समझ गए होंगे की मंगल ग्रह मे इंसानों का जीवन कैसे होगा।  


मंगल ग्रह पर कैसे पहुच जाए

लेकिन अब सवाल ये आता है की आखिर मंगल ग्रह पर कैसे पहुच जाए ऐसी कौन सी तकनीक लाई जाए जिससे कम से कम कीमत मे कोई भी आम इंसान मंगल की सैर करके वापस भी या जाए इस सवाल पर आपको बता दे की एलोन मस्क की कॉम्पनी स्पेस एक्स ने हाल ही मे एक नया रॉकेट तैयार किया है। 

जिसका नाम है फलकन नाई इसकी खासियात ये होगी की बार बार पृथ्वी मे आकार ईंधन भर सकता है और स्पेस मे जाकर उसे मंगल ग्रह की तरफ पुश कर सकता है। 

इसके बाद स्पेस एक्स सोलर एनर्जी की मदद से मंगल ग्रह तक पहुच जायेगे और वापस भी या जायेगे इस रॉकेट की खासियत ये है की इसे बार बार इस्तेमाल किया जा सकता है बल्कि पहले जो भी स्पेस मिशन मे रॉकेट का इस्तेमाल किया जाता था उसे सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल मे लाया जाता था। 

लेकिन फैलकन 9 एक ऐसा रॉकेट होगा जिसे आंतरीक्ष मे भेजने के बाद वो खुद ही वापस धरती पर लैंड हो जाता है और उसे फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है और इस तकनीक की मदद से इंसानों की पहुच आंतरीक्ष तक की सैर बहुत काम पैसे मे पूरी की जा सकती है। कैसे लगा आपको यह लेख (मंगल ग्रह पर जीवन कैसे होगा ।। Life of Mars in Hindi)


विडिओ 



 धन्यवाद 

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