भारत का निर्माण कैसे हुआ था ।। How India was formed

भारत का निर्माण कैसे हुआ था ।। How India was formed

दोस्तों आज के इस लेख मे हम आपको बताने वाले है की भारत का निर्माण कैसे हुआ How India was formed और कैसे भारत एक अलग कॉन्टीनेंट होने के बावजूद ये एशिया महाद्वीप मे कैसे मिल गया जानेगे सभी बातों को तो इस ब्लॉग को आखिर तक जरूर पढ़िएगा 


भारत का निर्माण कैसे हुआ था
भारत का निर्माण कैसे हुआ 


पेनजिया कॉन्टीनेंट क्या है ( What is Pangea Continent )

दोस्तों क्या आप जानते है की हमारे प्यारे देश भारत का जन्म भगौलीक आधार पर कैसे हुआ आज से 20 करोड़ साल पहले हमारी धरती पर दिखने वाले दीवाइडेड कॉन्टीनेंट नहीं थे उस उस व्यक्त सिर्फ एक कॉन्टीनेंट या महाखण्ड हुआ करता था जिसे नाम दिया गया पेनजिया और इसे और इसके चारों ओर सिर्फ एक महासागर था जिसका नाम था पैथालासा और आज के सारे खंड इसी पेनजिया खंड से  विखंडित होकर बने है ये थ्योरी देने वाले वैज्ञानिक थे अल्फ्रेड वेगनेर इनका मानना ये भी था की उसी व्यक्त इस महाखण्ड मे रेंगने वाले जीवों का जन्म हुआ 


लारेंसिया और गोंडवाना का निर्माण कैसे हुआ (How Lawrencian and Gondwanan were formed)

दोस्तों पृथ्वी के गर्भ मे प्लेटस लगातार खिसकती रहती है जिसके चलते पृथ्वी पर निरंतर बदलाव होते रहते है लेकिन ये बदलाव लाखों या करोड़ों साल बाद दिखाई देते है और इन्ही बदलाओ के चलते आज की दिखने वाली इन कॉन्टीनेंट का जन्म हुआ और उनके साथ हमारे देश भारत का भी अल्फ्रेड की थ्योरी के अनुसार प्लेटस के सरकने से सबसे पहले पेनजिया सुपरकॉन्टीनेंट के दो भाग हुए जिसके उत्तरी हिस्से को लारेंसिया और दक्षिणी हिस्से को गोंडवाना लैंड कहा जाता है और इन दोनों के डिवाइड होने के बाद जो बीच मे पानी भरा और खाड़ी का जन्म हुआ उसे वैज्ञानिकों ने टेथिस सागर नाम दिया 

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पेनजिया से अलग हुए उत्तरी महाद्वीप  लारेंसिया मे से आज के एशिया यूरोप और उत्तर अमेरिका जैसे कॉन्टीनेंटस बने जबकी गोंडवाना लैंड मे से दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और आस्ट्रेलिया और अन्टार्टीका जैसे कॉन्टीनेंट का निर्माण हुआ 


भारत का निर्माण कैसे हुआ ( How India was formed )

हमारा देश भारत आज भले ही भगौलीक रूप से एशिया का भाग हो लेकिन भारत का भूमि भाग उस व्यक्त वास्तव मे गोंडवाना महाद्वीप का हिस्सा था और आज का अफ्रीका और भारत एक ही प्लेट पे टीके थे धीरे धीरे अंदरूनी प्लेटस के खिसकने से ये प्लेट भी अलग होती गई और भारत की ज्योग्राफीकल प्लेटस अफ्रीका से अलग होकर धीरे धीरे एशिया की ओर बढ़ने लगी वो आज के लद्दाख हिस्से की ओर लगातार बढ़ती रही और एक समय इस प्लेटस का एशिया के लद्दाख वाले हिस्से मे टकराव हुआ दोस्तों भूगर्भ मे जब दो प्लेटस का टकराव होता है तो बाहरी प्लेटस नीचे की ओर सरक जाती है और हल्की प्लेट उपर खसक जाती है उस व्यक्त भी ऐसा ही हुआ और आज के हिमालय का निर्माण हुआ ऐसा कोई काम समय मे नहीं हुआ ऐसा होने मे करोड़ों साल लग गए और आज की इस भगौलीक भूमि का निर्माण हुआ।

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दोस्तों आज भारत सिर्फ एक ही टाईटोनिक प्लेट मे टिका हुआ है और लगातार भारत की ये बाहरी प्लेट हिमालय की ओर दब रही है और हिमालय दिन प्रतिदिन ऊपर की ओर उठ रहा है इसके साथ ही हिमालय के सारे पर्वतों की और माउंट एवरेस्ट की हाइट साल दर साल बढ़ रही है। 


अल्फ्रेड थ्योरी क्या है ( What is Alfred theory )

दोस्तों इस थ्योरी को सिद्ध करने के लिए अल्फ्रेड ने ये भी कहा की आज के दिखने वाले सारे कॉन्टीनेंट एक दूसरे मे फिट होते है और आज अगर किसी तरह इन सबको एक किया जाए तो फिर से पेनजिया सुपर कॉन्टिनेट का निर्माण हो सकता है चले ये तो एक संयोग हो सकता लेकिन अल्फ्रेड ने अलग अलग विस्तार मे जाके उस महा खंड मे जाके उस महखंडों की जीव सृष्टि का और प्राचीन अवखड़गो के अवशेषों का अवलोकन किया तो ये मालूम हुआ की की विविध अवशेष एक समान ही थे इसके साथ ही अल्फ्रेड ने अपनी थ्योरी को सिद्ध करने के लिये कई सारे उदाहरण दिए 

निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों इस प्लेटस के टकराने से भूकंप और ज्वालामुखी का खतरा रहता है वैसे भारत मे तो कोई खास ज्वालामुखी तो नहीं है लेकिन हमारी एक प्लेट के सरकने से कभी कभी भूकंप के झटके महसूस होते  है तो आज के लिए बस इतना ही अगर आप पहली बार इस वेबसाइट Hindipidiaa मे पहली बार आए है तो इसे सबस्क्राइब कर ले  

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