पोस्मार्टम कैसे किया जाता है | How is a postmortem done?

पोस्मार्टम कैसे किया जाता है

    पोस्मार्टम क्या है और पोस्मार्टम कैसे किया जाता है और क्या पोस्मार्टम के दौरान शरीर का कीमती अंग निकालकर बेंचा जाता है दोस्तों आप लोगो ने पोस्मार्टम की प्रकिरिया के बारे में सुना ही होगा जहा किसी भी व्यक्ति की डेड बॉडी जब बरामद होती है तो पुलिस वाले सबसे पहले उसका पंचनामा भरकर उस बॉडी को पोस्मार्टम के लिए भेज देते है ऐसे में आपके मन में ऐसे कई बार ये सवाल जरुर उठा होगा की आखिर इस पोस्टमार्ट में प्रकिरिया में होता क्या है या फिर इस प्रकिरिया को किया कैसे जाता है इसमें क्या क्या चीजे पता चलती है और कैसे पता चलती है तो दोस्तों आप चिंता मत कीजिये आपके सभी सवालों के जवाब हमारी इस video में मौजूद है क्युकी आज मै आपको पोस्मार्टम से जुड़े ऐसे कुछ सच बताने जा रहे है जिसे सुनने के बाद आप हैरत में पड़ जायेगे तो चलिए शुरू करते है

    पोस्मार्टम कैसे किया जाता है
    पोस्मार्टम कैसे किया जाता है


    पोस्मार्टम क्या है

    दोस्तों पोस्मार्टम  मरने के बाद होने वाली एक तरह की सर्जरी है जहां पर कई बाते सामने आती है और यहाँ सबसे पहली बात ये है की पोस्मार्टम कभी भी अपनी मर्जी से नहीं किया जाता बल्कि मरे हुए इंशान की इजाजत लेनी बहुत जरुरी है लेकिन अगर कोई ऐसी स्थिति आ जाती है जहां मरने वाला व्यक्ति अंजान है और उसका कोई भी परिजन अभी तक सामने नहीं आया तो इस स्थिति में पोस्मार्टम बिना किसी से पूछे पुलिस की इजाजत लेकर कर दिया जाता है या फिर मरने वाला व्यक्ति संदिघ्ध है तब भी पुलिस की राय लेकर के पोस्मार्टम कर दिया जाता है


    पोस्मार्टम क्यों होता है

    दोस्तों पोस्मार्टम करने की जो सबसे बड़ी वजह है वो ये है की मरने के बाद मरने की वजह का पता लगाया जा सकता है आपको ये चीज पता होगी की सामान्य स्थिति में मौत पर अकसर परिवार वाले उसके शव का पोस्मार्टम नहीं करवाते है क्युकी उन्हें पता रहता है की मृतक की मौत किसी कारण से हुई है मान लीजिये की कोई व्यक्ति बहुत दिनों से कैंसर से पीड़ित है और उसका इलाज चल रहा है लेकिन उसका इलाज चलते चलते मर जाता है और इस स्थिति में पोस्मार्टम की कोई आवशकता नही होगी क्युकी सभी को पता है की मरने वाला व्यक्ति कैंसर का शिकार हुआ है लेकिन जब मौत संदिघ्ध हालत में हो और जब ये लगे की ये आत्महत्या है या फिर इसके पीछे कोई आपराधिक मामला लग रहां है या फिर दुर्घटनावश मौत हो यानी की अगर पूरी बात कहे तो की किसी व्यक्ति की मौत का कारण जब जानना हो तो उसके शारीर का पोस्मार्टम किया जाता है एक्सीडेंट वाले केस में भी  पोस्मार्टम इसलिए किया जाता है ताकि ये पता चल सके की किस जगह चोट लगने के वजह से व्यक्ति मरा है


    पोस्मार्टम कौन करता है

    जो व्यक्ति इस काम को अंजाम देता है उसे पैथालोजिस्ट कहते है वैसे तो वो एक साधारण डोक्टर ही होता है लेकिन वो पोस्मार्टम के कार्य में सक्षम होता है क्युकी पोस्मार्टम के लिए उन्हें एक स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है हलाकि डोक्टर की मदद के लिए सहायक भी होते है पोस्मार्टम के दौरान शव को चिर फाड़ करना उन्ही की जिम्मेदारी होती है और अपने काम को अंजाम देने के बाद डॉक्टर की रिपोर्ट बनाने में भी मदद करते है

     

    किन मामलो में पोस्मार्टम जरुरी है

    दोस्तों आपराधिक मामले में खास तौर है पोस्मार्टम की अहमियत ज्यादा हो जाती है क्युकी पोस्मार्टम की रिपोर्ट से ही पता चलता है की मौत की वजह क्या है मृतक को जहर देके मारा गया है या उसकी मौत मारपिट से हुई है या फिर मरने का कारण दम घुटना है और पोस्मार्टम में ये पता चलता है की मौत कितने घंटे पहले हुई है


    पोस्मार्टम किस वक्त होता है

    दोस्तों जानकारों का कहना है की व्यक्ति के मरने के 6 से 10 घंटे के भीतर ही उसका पोस्मार्टम हो जाना चाहिए क्युकी इस अवधि के बाद मरे हुए शारीर में कुछ बदलाव देखने को मिलता है जैसे बॉडी का अकड़ जाना या फिर अगर साफ़ सब्दो में कहे तो 6 से 10 घटे के बाद मृतक का शारीर गलना शुरू हो जाता है जिससे मृत्यु का पता लगाना थोडा मुश्किल हो जाता है


    पोस्मार्टम के दौरान चुनौती

    दोस्तों पोस्मार्टम की सबसे बड़ी चुनौती तो मारा हुआ शारीर होता है क्युकी अगर व्यक्ति की मौत को ज्यादा समय हो गया हो या बॉडी कई दिनों बाद मिली हो तो मौत के सच तक पहुचना बहुत मुश्किल हो जाता है पोस्मार्टम रिपोर्ट के जरिये पुलिस की जांच की दिशा बदलती है उससे आरोपी पकड़ा जाता है क्युकी जब तक पोस्मार्टम की सच्चाई सामने नही आती तब तक मरे हुए व्यक्ति की मृत्यु और कारण का पता नही चल पाता

    अब मान लिजिए की किसी का मर्डर 8 बजे हुआ है और पोस्मार्टम रिपोर्ट में ये चीज साफ़ गई है की वो 8 बजे मरा है तो पुलिस अपनी जांच उसी हिसाब से करेगी और पता लगाएगी की मृतक के परिजन जान पहचान और दुश्मन तक 8 बजे कहा थे ताकि उन सभी की लोकेशन को ट्रेस कर के पता लगाया जा सके की कौन मरने वाले व्यक्ति के पास था और कौन दूर था


    पोस्मार्टम रात में क्यों नही होता

    दोस्तों आप लोगो ने एक बात तो जरुर ध्यान दिया होगा की पोस्मार्टम रात में नही होता ये हमेशा दिन में ही होता है जिसका एक कारण है की बिजली की रौशनी में खून का रंग बदल जाता है ऐसे में अगर पोस्मार्टम रात के समय में किया जायेगा तो रौशनी में देखना संभव नही हो पायेगा और यही वजह है की पोस्मार्टम हमेशा रात में न होकर दिन में ही होता है


    निष्कर्ष  

    उम्मीद है की आपको पोस्मार्टम से जुड़े सभी सवालों के बारे में पता चल गया होगा अब आपका इसपर क्या कहना है कमेंट में जरुर बताये और अगर आपको इस तरह की जानकारी पसंद है तो हमारे ब्लॉग Hindipidiaa को सब्सक्राइब अवश्य कर ले फिर मिलते है अगले किसी और लेख में और अधिक जानने के लिए इस video को देखे 


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